हम लोग अपनी ही जमीनों पर, रहमदिली की कीमत चुका रहे, हैं इन गद्ददारों को पाल कर। Ertugrul Ghazi
जगत पालनहार है माँ, मुक्ति का धाम है माँ, हमारी भक्ति का आधार है माँ, सबकी रक्षा की अवतार है माँ |